Vestibular Paroxysmia
इस अवस्था में मरीज़ बार बार होने वाले Vertigo से ग्रसित रहता है । ऐसा संतुलन बनाये रखने वाली Vestibular नलिका के संकुचन के कारण होता है ।
Vestibular Paroxymia के कारण
Vestibular नलिका को नुकसान पहुँचाने अथवा संकुचित करने का सबसे आम कारण होता है – रक्त नलिकाओं का सिकुड़ना ।
Anterior Inferior Cerebellar Artery (AICA) पर इसका प्रभाव आमतौर पर सबसे ज्यादा पड़ता है । फडकती हुई धमनियों की गति से नसों का संकुचन होता है, जिससे तंत्रिका चालन में बाधा उत्पन्न होती है और इसी वजह से vertigo attacks महसूस होते हैं । कुछ अन्य कम प्रचलित कारणों में – शल्य क्रिया अथवा विकिरण चिकित्सा के पश्चात् होने वाला fibrosis, vestibular neuritis, vestibular schwanoma के ट्यूमर, इत्यादि भी हो सकते हैं ।
लक्षण
अगर मरीज़ की जाँच में निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हों, तो vestibullar paroxysmia होने की संभावना हो सकती है :
- कुछ मिनट के लिए होने वाले vertigo के छोटे-छोटे attack.
- असंतुलन
- सिर की स्थिति बदलने पर vertigo का बढ़ जाना
- Hypervertilation से vertigo का होना
- इस दौरान श्रवण शक्ति में कमी आ सकती है या कान में घंटी बजने जैसा एहसास होता है, जो बाद में सामान्य हो जाता है ।
निदान
निम्नलिखित परिक्षण किये जाने चाहिए –
- Audiomentry : मरीज़ की श्रवण शक्ति कम-ज्यादा होती रहती है ।
- Video nystagmography (VNG) : Hyperventilation और सिर हिलाने वाले परिक्षण की अवस्था में Nystagmus संभावित होता है । कुछ मरीजों में posititional tests की वजह से भी Nystagmus देखा जा सकता है, परन्तु यह BPPV में होने वाले Nystagmus से अलग होता है ।
- EEG : Vestibular paroxysmia जैसे लक्षणों को खारिज़ करने के लिए किया जाता है ।
- MRI of Brain with Gadolinium Enhancement : संतुलित अवस्था में 3D के हश्तक्षेप तथा CISS किये जाने चाहिये । यह प्रतिकृति ही Microvascular संकुचन की पुष्टि करता है ।
इलाज़
यह अवस्था trigeminal neuralgia के अनुकूल मानी जाती है । इलाज़ के प्रथम चरण में सोडियम प्रवाह के सभी तंत्र बंद करने के लिए Carbamazepine तथा Oxcarbamazepine जैसी दवाएं दी जाती हैं । इन दवाइयों को उपचारात्मक परिक्षण के तौर पर प्रयोग में लिया जाता है, जिससे microvascular compression की पुष्टि की जा सके । इन दवाओं से लक्षणों में राहत मिलना जाँच की पुष्टि कर देता है । आमतौर पर Carbamazepine की 200-600 mg/day तथा Oxcarbamazepine की 300-900 mg/day ख़ुराक लेने की सलाह दी जाती है । सामान्यतया Carbamazepine की 100 mg BD की ख़ुराक से शुरुआत की जाती है तथ धीरे-धीरे सर्वोत्तम राहत मिलने तक ख़ुराक बढाई जाती है ।
दर्द निवारक दवाएं अर्थात् Vestibullar sedatives इन मरोजों के लिए कारगर नहीं होती हैं । अगर मरीजों को इन दवाओं से उचित राहत नहीं मिलती तथा अन्य कई अव्यवस्थित लक्षण नज़र आने लगे, तो शल्य क्रिया के द्वारा microvascular decompression किया जाता है ।यह सर्जरी endoscopy तकनीक से की जाती है और इस सर्जरी में VII-VIII तंत्रिका समूह की शिनाख्त की जाती है और Vascular loop को जला दिया जाता है अथवा रक्त वाहिनी नस तथा नलिका के बीच में स्पंज रखा जाता है, जिससे संकुचन को रोका जा सके ।